जरूरी हैं
*जरुरी हैं*
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तप, निष्ठा,बलिदान और स्वाभिमान भी जरूरी हैं।
वतन परस्ती के वास्ते ,यहाँ गुणगान भी जरूरी हैं।
सिर्फ हिन्दुस्तान के भूमि पर, जन्म लेना काफी नहीं,
हिन्दुस्तानी होने के लिए हमें, अभिमान भी जरूरी हैं।
हैं जरूरी हमारे दिल में, कुछ दहकते हुए शोले की।
दुश्मन के समुख ताण्डव करें, शिव शंकर भोले की।
प्रेम की भाषा जब बन जाये, कायरता की परिभाषा,
तब और जरूरी हैं यहाँ, तोप बन्दूक और गोले की।
करें श्रृंगार गृहर्णी घर में,उसकी हर लालसा मिटे,
पर सोने चाॅदी के साथ, लोहे का समान भी जरूरी हैं।
सिर्फ हिन्दुस्तान के भूमि पर जन्म लेना काफी नहीं,
हिन्दुस्तानी होने के लिए, अभिमान भी जरूरी हैं॥
करु केवल मैं सम्मान, तुम्हारे हर एक बातो का।
तुम चलो मक्कारी चाल, निगाहें रखो घातो का।
मुझे हैं पता, पर जरुरी हैं दुनिया को भी बतलाना,
तुम्हारा एक खुराक, कि तुम भूत हो सिर्फ लातो का।
केंसर बन गये हो , हिन्दुस्तान के सर जमी पर आज,
तुम्हारे इस बिमारी का , अनुष्ठान भी जरूरी हैं।
सिर्फ हिन्दुस्तान के भूमि पर, जन्म लेना काफी नहीं,
हिन्दुस्तानी होने के लिए, अभिमान भी जरूरी हैं॥
मान मिला, सम्मान मिला, प्रतिष्ठा मिली हैं यहाँ।
दौलत और शोहरत मिली, कदम रखे तुम जहाँ।
पर तुम्हारे मुख से, दो बोल न निकली प्रशंसा की,
जहाँ डर न लगे तुम को, वो सरजमी हैं कहाँ।
जाओ अपने सरजमी पर, रहो निडर बन कर,
तुम्हारे जैसे गद्दारों का, अपमान भी जरुरी हैं।
सिर्फ हिन्दुस्तान के भूमि पर, जन्म लेना काफी नहीं,
हिन्दुस्तानी होने के लिए, अभिमान भी जरूरी हैं॥
देश द्रोही क्या होता हैं, संविधान यह कहता हैं।
यह कृत्यों में ही नहीं, भावो में भी झलकता हैं।
जब करते हो खेती, अलगाव वाद के नीति का,
कैसे न कहू यह मनसूबा, मन में तुम्हारे पलता हैं।
खुले आम तुम करते हो, तिरंगे का तिरस्कार यहाँ,
तुम्हारे मनो भाव दफनाने हेतु ,शमशान भी जरूरी हैं।
सिर्फ हिन्दुस्तान के भूमि पर, जन्म लेना काफी नहीं,
हिन्दुस्तानी होने के लिए, अभिमान भी जरूरी हैं॥
हिन्दुस्तान का गुणगान करें, वो जुबान तुम में हैं नहीं।
प्रेम "विजय" बखान करें, वो सम्मान तुम में हैं नहीं।
कोई जीता हैं देश के लिए, तुम देश में जीते हो,
देश के लिए मरने का, अरमान तुम में हैं नहीं।
तुम्हारे जैसे न जाने, और कितने शत्रु हैं यहाँ,
उन सभी देश द्रोहियो का, पहचान भी जरूरी हैं।
सिर्फ हिन्दुस्तान के भूमि पर, जन्म लेना काफी नहीं।
हिन्दुस्तानी होने के लिए ,अभिमान भी जरूरी हैं॥
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विजय सिंह " रवानी"

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