गाॅव की बात - कु. अदीक्षा देवांगन "अदी"
~ कविता ~
~ गाँव की बात ~
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ढेंकी कुटे धान,ढेंकुर पानी भरे!
जाड़ा में ये काम,मेरा जिया जरे!!
हँसिया कुदाल,हाथ में पैना धरे!
निकला किसान,भूमि गोद भरे!!
बेला है विहान ,ठिठुरन ठंड करे!
यही पहिचान,पैरा में पाला परे!!
है बड़ा हलाकान,कहाँ गईया चरे!
बिटिया लुए घाँस,तब तो पेट भरे!!
गोबर की खाद,जब गड्ढा में सरे!
अन्न होए उजास,जो बीमारी हरे!!
रसायनिक युरिया बंजर भूमि करे!
जन जीवन में,धिरे-धिरे जहर भरे!!
"अदी"सही गाँव की बतिया करे!
किसान आधा जीए,व आधा मरे!!
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कु .अदीक्षा देवांगन"अदी"
बलरामपुर(छत्तीसगढ़)
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संकलन - विजय सिंह "रवानी"
7587241771, 9098208751
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