पलास- "अदी" के श्यन दोहे- कु. अदीक्षा देवांगन"अदी"
*"अदी" के दोहे*
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*पलास*
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*श्यन दोहा- गुरु-१९, लघु-१०*
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(१)
होली देखो आ गयी,
फूले लाल "पलास"!
रंगों का होने लगा,
भीतर में आभास!!
(२)
लाली फूल "पलास" के,
पीला फूल कनेर!
भौंरे भी गाने लगे,
वन में झूमे शेर!!
(३)
फूलों से सजने लगा,
देखो पेड़ "पलास"!
फूलों का राजा लगे,
चार दिनों की बात!!
(४)
फूला लाल "पलास" तो,
झाड़ी लालो लाल!
नित कोयल की कूक से,
पपीहा मिलाए ताल!!
(५)
"पलास" के ही पेड़ में,
पैदा होता लाख!
चूड़ी बनके लाख से,
सजे नारि के हाथ!!
(६)
सारे पेड़ "पलास" के,
फूलों से हैं लाल!
होली भी आने लगी,
भर रंगों की थाल!!
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*कु. अदीक्षा देवांगन "अदी"*
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