ठिठोली- "अदी" के मर्कट दोहे- कु अदीक्षा देवांगन "अदी"
"अदी" के दोहे
~ ठिठोली~
मर्कट दोहे, गुरू-१७, लघु-१४
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(१)
करो ठिठोली फाग में,
गाओ होरी गीत!
नफरतें सभी भूल के,
अपन बना लो मीत!!
(२)
ठिठोली न कर आग से,
हो जाओगे खा़क!
भारत ऐसा आग है,
चीन भष्म बने राख!
(३)
झूठ बोलना पाप है,
बात कहो तो सांच!
बात ठिठोली जो करे
कान पकड़ के नाच!!
(४)
ठिठोली झूठ बात की,
सही बात की शान!
प्राण जाए वचन नहीं,
कह दो सीता-राम!
(५)
करे ठिठोली ज़िंदगी,
जीवन की है बात!
जियो ज़िंदगी शान से,
साथी का हो साथ!!
(६)
करो ठिठोली मीत से,
बैरी से न मितान!
सबको अपना मान के,
बैरी को पहचान!!
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🙏🙏🙏🙏🙏
कु. अदीक्षा देवांगन "अदी"
बलरामपुर (छत्तीसगढ़)
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