खबर चाहिए ! - ( ग़ज़ल)- कु अदीक्षा देवांगन "अदी"


 *खबर चाहिए!*

अदीक्षा देवांगन "अदी"

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ग़ज़ल के लिए एक बहर चाहिए! 

आपकी इनायत-ए-नज़र चाहिए!!


           लम्बी  बहुत  रात है सो जाइए,

           जगने के लिए तो सहर चाहिए!


अश्क पीते रहो और जीते रहो, 

मरने के लिए तो ज़हर चाहिए! 


             आँखों का सागर छलकने लगा, 

             बहने के लिए बस नहर चाहिए! 


खड़े हैं चौराहे पे दिल-ए- बक़फ़, 

किधर जाएँ हमको डगर चाहिए!

 

             सरगम मिला भी तो क्या फायदा, 

             गाने के लिए भी तो हुनर चाहिए!


महफ़िल ग़ज़ल की नहीं चाहिए, 

मौशिक़ी के लिए तो शहर चाहिए! 


            "अदी" की पता है उनको ख़बर, 

            हमे भी तो उनकी ख़बर चाहिए!

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अदीक्षा देवांगन "अदी"

बलरामपुर (छत्तीसगढ़) 

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