जंगल में मंगल ! - कु अदीक्षा देवांगन "अदी"
,*जंगल में मंगल!*
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*(अदीक्षा देवांगन "अदी")*
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मिश्री में मिर्ची,
गुड़ में नमक!
धर्म में मज़हब,
सत्य में सनक!!
बेटी में सीता,
बाप में जनक!
बेटा में राम,
गहने मे कनक!!
मुल्क में मंदी,
मुद्रा में खनक!
दाव में ज़िंदगी,
अंधेरे में चमक!!
वर्ण में भेद,
जाति में फरक!
धरती में स्वर्ग,
स्वर्ग में नरक!!
श्रोता में धर्य,
कवि में फ़नक!
कविता मे मर्म,
मन में ठनक!!
दाल में काला,
रोटी में भनक!
दुध में दारू,
पानी में दरक!!
"अदी,में अदा,
फूलों मे महक!
जंगल में मंगल,
चिड़ियों में चहक!!
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अदीक्षा देवांगन "अदी"
बलरामपुर (छत्तीसगढ़)

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