"अदी" के हँस दोहे- कु अदीक्षा देवांगन"अदी"
"अदी" के हँस दोहे
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गुरु-१४, लघु-२०
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विषय-जला
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(1)
हृदय जला के देख लो,
दिल में लागे आग!
तन-मन, कुरिया जल गया,
खेल रहे हैं फाग॥
(2)
प्रेम पत्र वो जला दिये,
भुला दिये सब प्यार।
प्रेम में अब हवा नहीं,
निकला हवा गुबार ॥
(3)
दीप जला के रात में,
घर पर सोएँ लोग।
बाहर चमकत चाँदनी,
कितना बढ़िया योग॥
(4)
जला नफरती आग में,
करत नहीं वह प्यार।
हम तो मरते प्यार में,
बात सही है यार॥
(5)
आवारा वो दिलजला,
दिल की धड़कन तेज।
कहने में जो डर लगे,
प्रेम-पत्र तोहि भेज॥
*अदीक्षा देवांगन "अदी"*
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स्वरचित, मौलिक दोहा, सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रकाशन तिथि- 29.03=2021
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