पूरब की हवा चाहिए ! -कु अदीक्षा देवांगन "अदी"


 🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶🛶

*पूरब की हवा चाहिए!*

अदीक्षा देवांगन "अदी"

🚤🚤🚤🚤🚤🚤🚤🚤🚤


दर्दे-दिल की दवा चाहिए, 

अब पूरब की हवा चाहिए! 


        पच्छिम की हवा जो लगी,

        और क्या बददुआ चाहिए!


हद्द कर दी ये क्या बात है, 

बे-वफ़ा को वफ़ा चाहिए!


        ऐसे तो बात बनती नहीं,

        दग़ाबाज़ को दग़ा चाहिए!


इश्क में जो तिजारत करे,

उसको अब सज़ा चाहिए!


        "अदी"अब है रहना नहीं, 

        जाते हैं अब विदा चाहिए!


💃💃💃💃💃💃💃💃💃

अदीक्षा देवांगन "अदी"

बलरामपुर (छत्तीसगढ़) 

💃💃💃💃💃💃💃💃💃


स्वरचित, मौलिक रचना

सर्वाधिकार सुरक्षित


प्रकाशन तिथि- ३१.०३.२०२१

~~~~~~~~~~~~~~~~~

Comments