रौशनी से कहो ग़ज़ल- कु अदीक्षा देवांगन "अदी"


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 ग़ज़ल

क़ाफ़िया - आए

रदीफ़- जरा

मात्रा(वज़्न) -40

212 212 212 212

लेखिका- अदीक्षा देवांगन "अदी"

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रौशनी  से   कहो, जगमगाए  ज़रा,

रात भर वो जले,दिल जलाए जरा!


 राज़ की बात है, जान लो दास्तां, 

 ग़म भुला के कहो मुस्कुराए जरा!


चल रही है हवा,साँस ले लो अभी, 

आसमां से कहो, लौट आए जरा!


ग़मज़दा हम नहीं,बदगुमां वो नहीं,

साथ में हम कहीं आज जाएँ ज़रा!


जलजला भी नहीं,सागरों में कहीं,

काश तूफ़ां चले, साँय-साँय जरा!


 जान लो ये"अदी"बात भी मान लो,

देख लो तुम कभी, दाएँ-बाएँ जरा!


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अदीक्षा देवांगव"अदी"

बलरामपुर (छत्तीसगढ़) 

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स्वरचित मौलिक ग़ज़ल

सर्वाधिकार सुरक्षित

प्रकाशन तिथि- २३.०४.२०२१

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