जान जाये ग़म नहीं-: ग़ज़ल- कु अदीक्षा देवांगन "अदी"


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ग़ज़ल

काफ़िया= अम,,,

रदीफ़=   नहीं है

बहर= 2122  2122

लेखिका=

अदीक्षा देवांगन"अदी"

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जान जाए ग़म नहीं है,

दर्द भी तो कम नहीं है!


होंट  से  बस, रो रहे हैं,

आँख देखो नम नहीं है!


देश  में  सब  लड़ रहे है,

मत लड़ो ग़र दम नहीं है!


धूप में हो  छाँव भी तो,

सूखता शबनम नहीं है!


बोलना ग़र सीख लो तो,

रूठता  हमदम  नहीं है!


सामने गा के सुनाओ,

गीत में सरगम नहीं हैं! 


आखरी में तो"अदी" है,

गर दवा मरहम नहीं है!


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अदीक्षा देवांगन "अदी"

बलरामपुर (छत्तीसगढ़)

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स्वरचित मौलिक ग़ज़ल

सर्वाधिकार सुरक्षित

प्रकाशन तिथि-२४.०४.२०२१

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