ज़ाम पी लो जरा फिर करो वंदगी- ग़ज़ल-कु अदीक्षा देवांगन "अदी"
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ग़ज़ल
अदीक्षा देवांगन "अदी"
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212 212 212 212
ज़ाम पी लो जरा फिर करो बंदग़ी,
दो दिनों की मजा,है जियो ज़िदग़ी!
इश्क में ज़िंदगी काट लो तुम जरा,
प्यार कर लो जरा, बाद में बेखुदी!
चाँद को है गुमां रौशनी के लिए,
मैं हवा हूँ महज, मैं नहीं अादमी!
रात भर बात ही बात चलती रही,
नूर भी साथ में साथ में रौशनी!
बदगुमां हम कहाँ, रहनुमा, हमनवा,
ज़िंदगी चल रही सादगी - सादगी!
मौत की आहटों,से डरे हम नहीं,
ऐ"अदी" हम चले,कर लिए दिल्लग़ी!
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अदीक्षा देवांगन"अदी"
बलरामपुर (36गढ़)
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स्वरचित मौलिक ग़ज़ल
सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रकाशन तिथि -०४.०५.२०२१
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