सवाल में सवालों का जवाब देखो- ग़ज़ल -कु अदीक्षा देवांगन "अदी"-

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 ग़ज़ल!

मौजू-लाजवाब

अदीक्षा देवांगन"अदी"

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१२१२ १२२ २१२ १२२


सवाल में सवालों का जवाब देखो,

कलाम-ए-खुदा है लाजवाब देखो!


ग़रीब   के  घरों- दीवार   पे  दरारें,

छवान के छिद्रों से आफ़ताब देखो!


 कि जिंदगी नहीं हो आज कौन जाने,

 जनाब ज़िंदगी का भी हिसाब देखो!


कमान  में  भरा तीर जो आखरी है,

कमाल का निशाना है ज़नाब देखो!


जमीन में नहीं  है चाँद का बसेरा,

ग़ुमान है सितारों का रुआब देखो!


"अदी"नहीं किनारा झील सी नयन का,

डुबे  रहो  हमेशा  और  ख़्वाब  देखो!


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 अदीक्षा देवांगन"अदी"

 बलरामपुर (छत्तीसगढ़)

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स्वरचित मौलिक ग़ज़ल

सर्वाधिकार सुरक्षित

प्रकाशन तिथि-२७.०६.२०२१

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