आहट जो उनकी आई है- ग़ज़ल- कु अदीक्षा देवांगन "अदी"
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🍁ग़ज़ल🍁
अदीक्षा देवांगन"अदी"
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२२२२ २२२२
आहट जो उनकी आई है
ये चाहत की परछाई है!
ये मोती की माला जैसी,
जो शबनम की तरुणाई है!
सपनो में जो आते हैं वो,
ये तो दिल की गहराई है!
नेता अफ़सर भ्रष्टाचारी
सब तो मौसेरे भाई है!
बैरी दुनिया दुश्मन सारे,
लगते हैं ये सच्चाई है!
धन दौलत होते हैं खाली,
क़िस्मत की ये भरपाई है!
छोड़ो भी दुनिया दारी को,
सबको यह तो भरमाई है!
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अदीक्षा देवांगन"अदी"
बलरामपुर (छत्तीसगढ़)
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स्वरचित मौलिक ग़ज़ल
सर्वाधिकार सुरक्षित
प्रकाशन तिथि-२६.०६.२०२१

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